Money For Posting in MP: अफसरों की पोस्टिंग में भ्रष्टाचार के आरोप पर भड़के डॉ. मोहन यादव, कहा- कांग्रेस मांगे माफी
Money For Posting in MP: किसान अधिकार यात्रा के दौरान जीतू पटवारी ने कहा था कि थानेदार, कलेक्टर, पटवारियों, तहसीलदारों से लाखों रुपये लेकर पोस्टिंग दी जाती है.....
भोपाल,Money For Posting in MP: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कांग्रेस के इस आरोप पर कड़ी आपत्ति जताई है कि राज्य में अधिकारियों की पोस्टिंग में भ्रष्टाचार हो रहा है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने किसान अधिकार यात्रा के दौरान कहा था कि अधिकारी पैसे देकर अपनी पसंद की पोस्टिंग लेते हैं और फिर भ्रष्टाचार करते हैं।
इसका जवाब देते हुए डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश के किसी भी कर्मचारी या अधिकारी की काम के प्रति निष्ठा और समर्पण पर सवाल नहीं उठाया जा सकता. कांग्रेस 20 साल से सत्ता से बाहर है क्योंकि उसने जनता के कल्याण के लिए कोई काम नहीं किया है. कांग्रेस को अपने बयान पर माफी मांगनी चाहिए.
Money For Posting in MP: क्या कहा था जीतू पटवारी ने
इटारसी में किसान अधिकार यात्रा में शामिल हुए प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा था, मोहन यादव पर्ची वाले मुख्यमंत्री हैं। मप्र में बिना रिश्वत लिए अफसर काम नहीं करते हैं, ये जनता से रुपये लूटकर वल्लभ भवन में जमा करते हैं, अफसरों की पोस्टिंग ही लाखों रुपये की डीलिंग में होती है।
पटवारी ने आरोप लगाया कि बिना करप्शन के विभाग नहीं चल रहे हैं, यह माफियाओं की सरकार है। शराब, खनिज, भू माफिया सीएम के आसपास घूमते हैं। परिवहन, शिक्षा, प्रशासनिक माफिया सरकार चला रहा है। नर्मदापुरम कलेक्टर की पोस्टिंग भी खरीदी गई है।
#WATCH | Bhopal | On the statement of Madhya Pradesh CM Mohan Yadav, Congress state president Jitu Patwari says, "Bring one such common man to Madhya Pradesh who can get work done in any government department without money. Employees work by taking money. Our job is to take the… pic.twitter.com/mUQRjwx2lo
— ANI (@ANI) September 14, 2024
Money For Posting in MP: सीएम का जवाब, हर सरकारी कर्मचारी समर्पित व ईमानदार
जीतू पटवारी के आरोपों पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा, राज्य सरकार अपने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ खड़ी है और कांग्रेस को माफी मांगनी चाहिए। राज्य सरकार के अधिकारी और कर्मचारी समर्पित और ईमानदार हैं। कोई भी उनकी (अधिकारियों की) निष्ठा और सरकार की व्यवस्था पर सवाल नहीं उठा सकता। उन्हें लोगों की भलाई के लिए निडर होकर काम करना चाहिए।’